janmastami
हिंदू धर्म के प्रमुख इष्ट देव भगवान है श्री कृष्ण जी प्रभु प्रेमियों के दिल मेंश्री कृष्ण जी का विशेष स्थान है ,विष्णु के अवतार कृष्ण जी श्रावण माह की कृष्णा पक्ष कीअष्टमी की मध्यरात्रि कोअत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे, इसलिए इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण जी का जन्म मृत्यु होता है, अविनाशी नहीं है।
अविनाशी तो पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी ही है । जिसमें गीता जी का ज्ञान बोला जा रहा था उससे पहले न तो अट्ठारह पुराण था। न 11 उपनिषद और ने ही छह शास्त्र थे। उस समय पवित्र चारों वेद ही शास्त्र रूप में प्रमाणित थे। उन्हीं चारों वेदों का सारांश पवित्र गीता जी में वर्णित है। द्वापर युग में कृष्ण जी के 56 करोड़ की आबादी वाले यादव कुल का आपस में लड़ने से नाश हो गया था । जिसे कृष्ण जी लाख यतन करने से भी नहीं रोक पाए थे। महाभारत के युद्ध के दौरान कह रहे थे की अर्जुन तेरे दोनों हाथों में लड्डू है युद्ध में मारा गया तो सीधा स्वर्ग जाएगाऔर जीत गया तो राजा बनेगा।
अविनाशी तो पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी ही है । जिसमें गीता जी का ज्ञान बोला जा रहा था उससे पहले न तो अट्ठारह पुराण था। न 11 उपनिषद और ने ही छह शास्त्र थे। उस समय पवित्र चारों वेद ही शास्त्र रूप में प्रमाणित थे। उन्हीं चारों वेदों का सारांश पवित्र गीता जी में वर्णित है। द्वापर युग में कृष्ण जी के 56 करोड़ की आबादी वाले यादव कुल का आपस में लड़ने से नाश हो गया था । जिसे कृष्ण जी लाख यतन करने से भी नहीं रोक पाए थे। महाभारत के युद्ध के दौरान कह रहे थे की अर्जुन तेरे दोनों हाथों में लड्डू है युद्ध में मारा गया तो सीधा स्वर्ग जाएगाऔर जीत गया तो राजा बनेगा।
कबीर, राम कृष्णअवतार है, इनका नहीं संसार ।
जिन साहेब संसार किया ,सो किनहूं ने जन्मिया नारी।।
उपयुक्त सत्य विवरण से आप स्वयं यह निर्णय कर सकते हैंतीन लोक के मालिक(पृथ्वी ,पाताल और स्वर्ग)विष्णु जी भी जन्म - मृत्यु कर्म बंधन से स्वयं को नहीं बचा सके तो अपने साधक की रक्षा कैसे करेंगे।
श्रीमद भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12, गीता अध्याय 4 श्लोक 5, गीता अध्याय 10 श्लोक 2, में ज्ञान दाता ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, कि मेरी तो उत्पत्ति हुई है, मैं जन्मता-मरता हूं, अर्जुन मेरे और तेरी बहुत जन्म हो चुके हैं। मैं भी नास्वान हूं, गीता अध्याय 2 श्लोक 17 भी कहा है कि अविनाशी तो उसको जान जिसको मारने में कोई भी सक्षम नहीं है।और जिस परमात्मा ने सर्व की रचना की है। वह कबीर परमेश्वर जी है।
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